Operation Mahadev Kya hai : ऑपरेशन महादेव: कैसे हुई शुरुआत पहलगाम हमले के गुनहगार ढेर, अमेरिकी हथियारों का खुलासा

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28 जुलाई 2025 को जम्मू-कश्मीर के महादेव पीक पर भारतीय सुरक्षा बलों ने एक ऐतिहासिक कार्रवाई को अंजाम दिया। ‘ऑपरेशन महादेव’ के तहत भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और CRPF ने मिलकर तीन खूंखार आतंकियों को मार गिराया, जिनमें पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड हाशिम मूसा भी शामिल था। यह ऑपरेशन न सिर्फ आतंकवाद के खिलाफ भारत की मजबूत इच्छाशक्ति को दर्शाता है, बल्कि एक चौंकाने वाला खुलासा भी सामने लाया है। मारे गए आतंकियों के पास से अमेरिकी हथियार बरामद हुए, जिनके तार पाकिस्तानी सेना और अफगानिस्तान से जुड़े हैं। आइए, इस ऑपरेशन की पूरी कहानी और इसके पीछे की सनसनीखेज सच्चाई को समझते हैं।

ऑपरेशन महादेव: कैसे हुई शुरुआत?

सुरक्षा एजेंसियों को खुफिया सूचना मिली थी कि महादेव पीक के आसपास के जंगलों में 6 आतंकी छिपे हुए हैं। ये आतंकी पिछले चार महीनों से इस इलाके में सक्रिय थे और एक बड़ी आतंकी साजिश रच रहे थे। 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 मासूम लोगों की जान गई थी, के पीछे इन्हीं आतंकियों का हाथ था। इस हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था, और भारतीय सुरक्षा बलों ने इसके गुनहगारों को सजा देने की ठान ली थी।

11 जुलाई को एक चीनी सैटेलाइट फोन की गतिविधि ने सुरक्षा बलों का ध्यान खींचा। इसके बाद शुरू हुआ एक तगड़ा ऑपरेशन। 24 राष्ट्रीय राइफल्स, 4 पैरा, और CRPF की टीमों ने दाचीगाम जंगल में सर्च ऑपरेशन शुरू किया। 28 जुलाई को सुबह 11 बजे के करीब, लिदवास इलाके में आतंकियों के साथ मुठभेड़ शुरू हुई। इस तगड़ी कार्रवाई में तीन आतंकी ढेर कर दिए गए, जिनमें हाशिम मूसा, जिसे सुलेमान शाह के नाम से भी जाना जाता था, भी शामिल था।

पहलगाम हमले का बदला पूरा!

पहलगाम हमले के बाद देश में गुस्सा भड़क उठा था। 26 लोगों की जान लेने वाले इस हमले के लिए लश्कर-ए-तैयबा (LeT) ने जिम्मेदारी ली थी। जांच में पता चला कि हाशिम मूसा, जो पहले पाकिस्तानी सेना का पैरा-कमांडो था, इस हमले का मास्टरमाइंड था। उसने LeT के साथ मिलकर इस हमले की साजिश रची थी। ऑपरेशन महादेव में मूसा के साथ दो अन्य आतंकी, यासिर और अबू हमजा, भी मारे गए। इनके पास से 17 ग्रेनेड, एक M4 कार्बाइन, और दो AK-47 राइफलें बरामद हुईं।

चौंकाने वाला खुलासा: अमेरिकी हथियारों का कनेक्शन

इस ऑपरेशन में जो बात सबसे ज्यादा हैरान करने वाली थी, वो थी आतंकियों के पास से बरामद अमेरिकी M4 राइफल। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, ये वही हथियार हैं जो अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान में छोड़े थे। अब इनका इस्तेमाल तालिबान और अन्य आतंकी संगठन कर रहे हैं। सूत्रों का दावा है कि पाकिस्तानी सेना और ISI ने इन हथियारों को अफगानिस्तान से हासिल कर LeT जैसे आतंकी संगठनों को सौंपा। यह पहली बार है जब कश्मीर में इस तरह के अमेरिकी हथियार बरामद हुए हैं, जो भारत के खिलाफ पाकिस्तान की साजिश को और पुख्ता करते हैं।

ओवरग्राउंड वर्कर्स: आतंकियों की ढाल

जांच में यह भी सामने आया कि पहलगाम हमले और महादेव पीक पर छिपे आतंकियों को एक ही ओवरग्राउंड वर्कर (OGW) नेटवर्क ने मदद पहुंचाई थी। इस नेटवर्क ने आतंकियों को सुरक्षित ठिकाने, खाना, और हथियार मुहैया करवाए। खुफिया एजेंसियों का कहना है कि पाकिस्तानी सेना और ISI ने इस नेटवर्क को ऑनलाइन ट्रेनिंग दी थी। उन्हें हाइडआउट बनाने, हथियार छिपाने, और हाई-प्रोटीन खाना जुटाने की तकनीक सिखाई गई थी। पहलगाम हमले के बाद इस नेटवर्क के 10 से ज्यादा ठिकानों को तबाह किया गया।

पाकिस्तान की साजिश बेनकाब

हाशिम मूसा का पाकिस्तानी सेना से कनेक्शन और अमेरिकी हथियारों की बरामदगी ने एक बार फिर ISI और पाकिस्तानी सेना की करतूतों को उजागर किया है। जांच में यह भी पता चला कि मूसा को LeT में भर्ती करने और कश्मीर में हमले की साजिश रचने के लिए पाकिस्तानी सेना ने खास तौर पर चुना था। पहलगाम हमले के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया था, लेकिन ऑपरेशन महादेव ने इस हमले के असली गुनहगारों को सजा देकर देश का गुस्सा शांत किया।

क्या कहते हैं सूत्र?

  • महादेव पीक पर 6 आतंकी: खुफिया सूत्रों के मुताबिक, महादेव पीक पर 6 आतंकी छिपे थे, जिनमें से तीन को मार गिराया गया। बाकी की तलाश जारी है।
  • ISI की ऑनलाइन ट्रेनिंग: OGW नेटवर्क को ISI ने ऑनलाइन ट्रेनिंग दी थी, ताकि वे आतंकियों की हर जरूरत पूरी कर सकें।
  • अमेरिकी हथियारों का रास्ता: ये हथियार अफगानिस्तान से तालिबान के जरिए पाकिस्तान पहुंचे और फिर कश्मीर में आतंकियों के हाथ लगे।

देश को गर्व, आतंकियों को सबक

ऑपरेशन महादेव न सिर्फ एक सैन्य सफलता है, बल्कि यह भारत की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति का प्रतीक है। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ऑपरेशन की तारीफ की है। पीएम मोदी ने कहा, “हमारे जांबाजों ने दिखा दिया कि आतंकियों को कहीं भी छिपने नहीं दिया जाएगा।” इस ऑपरेशन ने न सिर्फ पहलगाम हमले का बदला लिया, बल्कि पाकिस्तान को भी साफ संदेश दे दिया कि भारत अपनी सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगा।

mayur

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