बॉलीवुड और टेलीविजन जगत के लिए 15 जुलाई 2025 का दिन एक बड़ी क्षति लेकर आया। मशहूर अभिनेता, निर्माता और निर्देशक धीरज कुमार का 80 साल की उम्र में निधन हो गया। धीरज जी एक्यूट निमोनिया से जूझ रहे थे और मंगलवार सुबह उनकी तबीयत अचानक बिगड़ने के बाद उन्हें मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल में उन्हें आईसीयू में वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया, लेकिन डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया न जा सका।
एक जीवन यात्रा
धीरज कुमार, जिन्हें धीरज कोचर के नाम से भी जाना जाता था, ने 1960 के दशक में एक टैलेंट हंट प्रतियोगिता के जरिए अपने अभिनय करियर की शुरुआत की थी। इस प्रतियोगिता का आयोजन एक मशहूर पत्रिका ने किया था, जिसने उनके लिए मनोरंजन जगत के दरवाजे खोल दिए। धीरज जी ने न सिर्फ हिंदी सिनेमा में अपनी छाप छोड़ी, बल्कि 20 से ज्यादा पंजाबी फिल्मों में भी काम किया। उनकी कुछ यादगार फिल्मों में उधार का सिंदूर, सरगम, रोटी कपड़ा और मकान, स्वामी, रातों का राजा, हीरा पन्ना, क्रांति, मांग भरो सजना, पुराना मंदिर, कर्म युद्ध, और बहुरूपिया शामिल हैं।
साल 1986 में धीरज कुमार ने अपनी प्रोडक्शन कंपनी क्रिएटिव आई की स्थापना की, जिसके बैनर तले कई शूरवीर फिल्में और लोकप्रिय टीवी धारावाहिकों का निर्माण हुआ। खास तौर पर उनके पौराणिक धारावाहिकों ने दर्शकों के दिलों में गहरी जगह बनाई। ओम नमः शिवाय जैसे धारावाहिकों ने उन्हें घर-घर में मशहूर कर दिया। उनकी कहानियां और निर्माण शैली ने दर्शकों को न सिर्फ मनोरंजन दिया, बल्कि भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता को भी बढ़ावा दिया।
आखिरी दिनों में प्रेरणा
धीरज कुमार का व्यक्तित्व इतना जीवंत था कि बीमारी के बावजूद वे सामाजिक और आध्यात्मिक आयोजनों में सक्रिय रहे। निधन से कुछ दिन पहले ही वे नवी मुंबई में इस्कॉन मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए थे। वहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा, “मैं यहां विनम्रता के साथ आया हूं। लोग मुझे VVIP कहते हैं, लेकिन मेरे लिए असली VVIP भगवान हैं। पीएम मोदी के शब्द हमेशा प्रेरणादायक होते हैं।” उनकी यह बात उनके आध्यात्मिक और विनम्र स्वभाव को दर्शाती है।
भारतीय सिनेमा और टेलीविजन जगत में धीरज कुमार का नाम एक ऐसे सितारे के रूप में चमकता है, जिन्होंने अपनी मेहनत और प्रतिभा से लाखों दिलों में जगह बनाई। अभिनेता, निर्माता और निर्देशक के रूप में उनकी यात्रा प्रेरणादायक रही है। आइए, उनके करियर और जीवन के कुछ अनछुए पहलुओं पर नजर डालते हैं।
बॉलीवुड और पंजाबी सिनेमा में शानदार शुरुआत
धीरज कुमार ने 1970 के दशक में बॉलीवुड में कदम रखा और जल्द ही अपनी एक्टिंग से दर्शकों का ध्यान खींच लिया। रोटी कपड़ा और मकान, क्रांति, हीरा पन्ना, उधार का सिंदूर, सरगम, और स्वामी जैसी सुपरहिट फिल्मों में उनकी मौजूदगी ने उन्हें एक भरोसेमंद कलाकार के रूप में स्थापित किया। लेकिन क्या आप जानते हैं कि धीरज जी ने हिंदी सिनेमा से पहले पंजाबी सिनेमा में भी अपनी छाप छोड़ी थी? 1970 से 1984 के बीच उन्होंने 21 से ज्यादा पंजाबी फिल्मों में काम किया, जो उनके बहुमुखी अभिनय का सबूत है।
उनके करियर की शुरुआत भी बेहद रोचक थी। धीरज कुमार ने एक टैलेंट हंट शो में हिस्सा लिया था, जिसमें दिग्गज फिल्ममेकर सुभाष घई और सुपरस्टार राजेश खन्ना भी शामिल थे। इस शो में धीरज फाइनलिस्ट रहे, जिसने उनके लिए मनोरंजन जगत के दरवाजे खोल दिए।
क्रिएटिव आई: टीवी जगत में क्रांति
धीरज कुमार ने न सिर्फ अभिनय में नाम कमाया, बल्कि अपनी प्रोडक्शन कंपनी क्रिएटिव आई के जरिए टेलीविजन इंडस्ट्री में भी क्रांति ला दी। 1986 में शुरू हुई इस कंपनी ने अदालत, कहां गए वो लोग, मिले, मायका, घर की लक्ष्मी बेटियां, और ओम नमः शिवाय जैसे 35 से ज्यादा लोकप्रिय धारावाहिकों का निर्माण किया। खास तौर पर उनके पौराणिक सीरियल्स ने दर्शकों को भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता के करीब लाने का काम किया। उनकी कहानियां और प्रोडक्शन की गुणवत्ता ने उन्हें टीवी इंडस्ट्री का सिरमौर बनाया।
धीरज कुमार परिवार में कौन कौन है
धीरज कुमार ने जूबी कोचर के साथ शादी की थी और उनका एक बेटा आशुतोष कुमार है। उनके परिवार के बारे में ज्यादा जानकारी सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध नहीं है, क्योंकि धीरज जी हमेशा अपनी निजी जिंदगी को सुर्खियों से दूर रखते थे। वे मशहूर टीवी सीरियल और विज्ञापन निर्माता इंदर कोचर के चाचा थे। धीरज जी का परिवार हमेशा उनकी ताकत और प्रेरणा का स्रोत रहा।
धीरज कुमार की नेटवर्थ
धीरज कुमार की कुल संपत्ति को लेकर कई अटकलें हैं। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनकी नेटवर्थ 100 करोड़ रुपये से ज्यादा थी। हालांकि, इस बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। उनकी प्रोडक्शन कंपनी और दशकों लंबे करियर को देखते हुए यह आंकड़ा हैरान करने वाला नहीं है। फिर भी, धीरज जी की असली संपत्ति थी उनकी कला, जो आज भी दर्शकों के दिलों में जिंदा है।
धीरज कुमार का निधन 15 जुलाई 2025 को हुआ, लेकिन उनकी कहानियां, उनके किरदार और उनके बनाए धारावाहिक हमेशा हमारे बीच रहेंगे। उनके योगदान ने न सिर्फ मनोरंजन जगत को समृद्ध किया, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक प्रेरणा स्थापित की।