देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक, HDFC बैंक ने 19 जुलाई 2025 को अपनी अप्रैल-जून तिमाही (Q1 FY26) के नतीजे जारी किए। इस तिमाही में बैंक ने शानदार प्रदर्शन किया और नेट प्रॉफिट में 12.2% की उछाल दर्ज की। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि इसके बावजूद बैंक के शेयरों में गिरावट क्यों आई? आइए, इन नतीजों की गहराई में उतरते हैं और जानते हैं कि HDFC बैंक ने इस बार क्या कमाल किया!
नेट प्रॉफिट में 12.2% की बढ़ोतरी
HDFC बैंक का नेट प्रॉफिट इस तिमाही में 18,155 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की इसी तिमाही के 16,175 करोड़ रुपये से 12.2% ज्यादा है। यह वृद्धि बैंक की मजबूत वित्तीय स्थिति को दर्शाती है। लेकिन, बाजार ने इसे उत्साह के साथ नहीं लिया, क्योंकि शुक्रवार को बैंक के शेयर 1.47% गिरकर BSE पर 1,957.40 रुपये पर बंद हुए। बैंक का मार्केट कैप 15 लाख करोड़ रुपये के आसपास बना हुआ है।
नेट इंटरेस्ट इनकम में 5.4% की बढ़त
बैंक की नेट इंटरेस्ट इनकम (NII) में भी 5.4% की बढ़ोतरी देखी गई, जो 31,438 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। FY25 की पहली तिमाही में यह आंकड़ा 29,837 करोड़ रुपये था। यह वृद्धि बैंक की कोर लेंडिंग और डिपॉजिट गतिविधियों की मजबूती को दिखाती है। हालांकि, प्रोविजन और कंटीजेंसी में 455% की भारी बढ़ोतरी (14,441.63 करोड़ रुपये) ने कुछ विश्लेषकों को चिंता में डाल दिया।
लोन और डिपॉजिट में स्थिर वृद्धि
HDFC बैंक ने अपनी लोन बुक में भी अच्छा प्रदर्शन किया। जून तिमाही में ग्रॉस एडवांस 26.53 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल के मुकाबले 6.7% ज्यादा है। एडवांस अंडर मैनेजमेंट में 8% की वृद्धि हुई। खास बात यह है कि रिटेल लोन में 8.1%, स्मॉल और मिड-मार्केट एंटरप्राइजेज के लोन में 17.1%, और कॉर्पोरेट लोन में 1.7% की बढ़ोतरी दर्ज की गई। ओवरसीज एडवांस कुल एडवांस का 1.7% रहा।
एसेट क्वालिटी में हल्की गिरावट
हालांकि, बैंक की एसेट क्वालिटी में थोड़ी कमजोरी देखी गई। ग्रॉस नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (NPA) 1.33% से बढ़कर 1.40% हो गया, और नेट NPA 0.39% से बढ़कर 0.47% हो गया। ग्रॉस NPA का आंकड़ा 33,025.69 करोड़ रुपये से बढ़कर 37,040.80 करोड़ रुपये हो गया। यह इंगित करता है कि बैंक को रिकवरी और रिस्क मैनेजमेंट पर और ध्यान देना होगा।
पहली बार बोनस शेयर और डिविडेंड का तोहफा
HDFC बैंक ने अपने शेयरधारकों को खुश करने के लिए बड़ा कदम उठाया। बैंक ने पहली बार 1:1 के अनुपात में बोनस शेयर देने की घोषणा की। यानी, हर शेयर के बदले शेयरधारकों को एक अतिरिक्त शेयर मिलेगा। इसके अलावा, 5 रुपये प्रति शेयर का स्पेशल अंतरिम डिविडेंड भी घोषित किया गया है। यह कदम निवेशकों का भरोसा बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
ऑपरेटिंग खर्च और नेटवर्क का विस्तार
तिमाही के दौरान बैंक का ऑपरेटिंग खर्च 17,430 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल के 16,620 करोड़ रुपये से थोड़ा ज्यादा है। HDFC बैंक का वितरण नेटवर्क भी मजबूत हुआ, जो अब 4,153 शहरों में 9,499 शाखाओं और 21,251 एटीएम तक फैला हुआ है।
शेयरों में गिरावट का कारण?
बैंक के मजबूत नतीजों के बावजूद, शेयरों में 1.47% की गिरावट ने कई सवाल खड़े किए। विश्लेषकों का मानना है कि प्रोविजन में भारी बढ़ोतरी और एसेट क्वालिटी में मामूली गिरावट ने निवेशकों की चिंता बढ़ाई। साथ ही, बाजार की समग्र धारणा और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएं भी इस गिरावट का कारण हो सकती हैं।
क्या है भविष्य की राह?
HDFC बैंक ने अपनी मजबूत वित्तीय स्थिति और रणनीतिक कदमों के साथ निवेशकों को आकर्षित करने की कोशिश की है। बोनस शेयर और डिविडेंड जैसे कदम शेयरधारकों के लिए सकारात्मक संदेश हैं। हालांकि, बैंक को अपनी एसेट क्वालिटी और प्रोविजनिंग रणनीति पर ध्यान देना होगा ताकि भविष्य में और बेहतर प्रदर्शन किया जा सके।